Friday 29 November 2013

CARWAN

                    कारवां 
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अनिल पंचभाई --मोबाईल न.. . 9676669465
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----आज जो हमें आंबेडकर का कारवां समजते  है,
     वे कभी हमें नाग-द्रविड़ का कारवां कहते थे।
----इन्ही द्रविड़-नागों का एक जम्बूद्वीप देश था,
     जिस पर इन्होने युगों तक शासन किया था।
----'बुद्ध' को जब 'धम्म का साक्षात्कार' हुआ,
     तो इसी कारवां ने बुद्ध का साथ देकर बौद्ध हो गए।
--- अशोक मौर्य और आर्यों का कलिंग युद्ध हुआ,
     तो इसी कारवां ने अशोक मौर्य को सम्राट बनाया।
----इस कारवां को पतंजलि ने ई. सन. 185 पूर्व उधेडा,
     जो दो हजार वर्षो तक गुलाम-शुद्र बनाये गए।
----इस्लाम ने तलवार-तोफ़ो से भारत को रोंदा,
     तो इसी गुलामों को मुस्लमान बनाया गया,
     इसी कारवां ने इस्लाम कि ताकत बढ़ाई,
     तो मुगल मुसलमानों ने भारत पर शासन किया।
----शिवाजी ने 'हिन्द साम्राज्य' कि घोषणा कि,
     तो इसी कारवां ने शिवाजी कि ताकत बढ़ाई।
----चार हजार किलोमीटर दूर से ब्रिटिश भारत आये,
     तो इसी कारवां के गुलाम ब्रिटिशों के सैनिक बने,
     गुलामों को जब बंदूकों से जीने का सहारा मिला,
     तो इसी कारवां ने ब्रिटिशों को भारत जित कर दिया।
----आंबेडकर ने भारत को गुलामी से मुक्ति कि घोषणा कि,
      तो इसी कारवां ने 1920 से 1956 तक भीम का साथ दिया।
-----भारत के 'लोकतंत्र का संविधान' लिखने का जब ऐलान हुआ,
      तो इसी कारवां ने भारत का 'आरक्षण संविधान' लढ के लिखा।
-----आंबेडकर हिन्दू धर्म के छुआछूत-जातिपाति  से तंग आकर,
       नागपुर में दस लाख अनुयायीयों के साथ बौद्ध हो गए।
-----फिर एक बार विश्व में 'धम्मचक्र' घुमाने के लिए,
       इसी कारवां ने अपनी पूरी ताकत लगाई है।
-----भारत अब विश्व के साथ लोकतंत्र कि राह पर चल पड़ा है,
       तो कुछ भारतीय लोकतंत्र को बदनाम कर रहे है,
       मत भूल जाना इतिहास इस कारवां के 'जंग' का,
       जिन्होंने बदले में कई साम्राज्य जित कर दिए है।
-----यह कारवां वह ताकत है जिसका किसीको अंदाज नहीं,
       आज भी लोकसभा और विधान सभायें हमारी दम से है।
----- भीम के गुजर जाने से ये कारवां बिखर कर बिक रहा है,
       गुजारिश है आओ भीम का सपना भारत बौद्ध बनाओ।

 

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