Wednesday 17 April 2013

THIS IS NOT BUDDHISM - THIS IS UNIVERSAL TRUTH

                                               
                                                  THIS IS NOT BUDDHISM
                               THIS  IS UNIVERSAL TRUTH

जिस चीज का साक्षात्कार की अनुभूति किसी भी व्यक्ति को विश्व के किसी भी कोने में कि जाती है, उसे BUDDHISM कैसे कह सकते है ? उसे तो UNIVERSAL TRUTH ही कहते है। उसे BUDDHISM  कहने से बाकी धर्म के लोग जैसे HINDUISM , CHRISTIANITY और ISLAM कैसे अपनाएंगे ? कैसा अभ्यास करेंगे?
वे  उस UNIVERSAL TRUTH तक कैसे अनुभव कर सकेंगे ? वे  उस  UNIVERSAL TRUTH का अनुभव नहीं करेंगे तो वे क्या उस UNIVERSAL TRUTH से अनिभिज्ञ - अज्ञान रहेंगे ? और इस महा अपराध के लिए कौन जिम्मेदार होगा ? इस सभी विचारों पर विश्व के  BUDDHIST लोगोने विचार करना चाहिए, तभी इन सवालों का सही सही जवाब मिलेगा और विश्व में  जो  UNIVERSAL TRUTH है उसे विश्व के लोगों को साक्षात्कार - अनुभव करने की प्रेरणा मिलेगी।
UNIVERSAL TRUTH   का कोई पक्ष नहीं है, उसे BUDDHISM का नाम देकर एक पक्षीय मत बनाओ।
विश्व में BUDDHISM एक community के लोग से पहचाने जाते है, यह एक बड़ी विडंबना है, यह एक बड़ी भूल है, जिसके कारण BUDDHISM के प्रचार और प्रसार में बाधा उत्पन्न हो गई है. यदि इस बात को हर बुद्धिस्ट और Ambedkariet  समज सकता है, तो Buddhism के प्रचार और प्रसार करने में बहुत बड़ी स हायता होगी और बाबासाहेब आंबेडकर का भारत को बौद्धामय बनाने का सपना साकार होगा।
Buddhism के पहेले का धर्म जिसे आर्य धर्म  या वेद धर्मं कहा जाता है, उस वेद धर्म ने भारत के लोगों को चार वर्णों में विभाजित किया था। लेकिन भारत में आर्य आने के पहले भारत वर्णों में या जाति में विभाजित नहीं था। भारत को वर्णों में विभाजित करने की राजनीति आर्यों की है और उसके बाद भारत को जाति में विभाजित करने की राजनीति ब्राह्मणों कि मनुस्मृति द्वारा सम्राट अशोक के बाद इसवी सन 185 की है। Buddhism का विनाश होने के ये दो कारण है -- (वर्ण ) और ( जाति ). यदि भारत में वर्ण और जातिया समाप्त कर दी जाये तो, जो बचेगा वह Buddhism होगा. यही भारत का संविधान है, जिसे लोकशाही कहते है।
लोकशाही और कुछ नहीं Buddhism है। और Buddhism universal Truth है। और जिन विश्व के देशो ने इस universal Truth को अपने अपने संविधान द्वारा अपनाया है उसे वे देश Democracy कहते है। भारत में उसे प्रजातंत्र या लोकतंत्र कहते है।
Buddhism को Universal Truth कह सकते हो, लेकिन Universal Truth को Buddhism कहना गलत होगा।